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क्या खत्म हो जायेगी नदिया!

नेशनल। जम्मू-कश्मीर इस समय भयंकर सूखे से जूझ रहा है। बारिश और बर्फबारी की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। बर्फ रहित सर्दी और लंबे समय तक सूखे के कारण कश्मीर घाटी में जलाशयों के भरने में देरी हो रही है। अगर ऐसी नौबत आती है तो किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में भी कई इलाकों में पानी की किल्लत है। लोगों को पीने का पानी मुश्किल से मिल रहा है।  कृषि विभाग कश्मीर ने खासकर दक्षिण कश्मीर में प्रमुख जल निकायों के सूखने पर चिंता जताते हुए किसानों को चावल की खेती से दूर रहने और अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने की सलाह दी है। कृषि क्षेत्र पर पानी की कमी पर कृषि में पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता जताते हुए विभाग ने किसानों से अपनी फसल के विकल्पों पर पुनर्विचार करने को कहा है। सूखे की स्थिति जारी रहने के साथ ही किसानों से कृषि एडवाइरी के लिए अपडेट रहने और पानी की कमी के प्रभाव को कम करने के लिए टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने को कहा है। पूरे जम्मू-कश्मीर में 79 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है और 1  मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते में 2 वैस्टर्न डिस्टर्बैंस के चलते 19 से 22 फरवरी और 25 से 27 फरवरी के बीच बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के अनुसार इस सीजन की बर्फबारी हो सकती है। कश्मीर घाटी के मैदानी इलाकों जिनमें श्रीनगर भी शामिल है यहां 4 जनवरी को आखिरी बार बर्फबारी हुई थी। इसके चलते सूखा खत्म होने की आस बंधी है

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